पी चिदंबरम बोले- अतीत में जाने का क्या मतलब, हमने गलती मानी
संविधान हत्या दिवस को लेकर राजनीति जारी है। विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मोदी सरकार से सवाल कर रहे हैं। इन सबसे बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने भी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आपातकाल एक गलती थी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेतृत्व वाले केंद्र द्वारा आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा के पहले ही तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने इसे स्वीकार कर लिया था। पी चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी 18वीं या 17वीं सदी में वापस क्यों नहीं जा रही है? आज रहने वाले 75 फीसदी भारतीय 1975 के बाद पैदा हुए हैं। आपातकाल एक गलती थी और इसे इंदिरा गांधी ने स्वीकार किया था। हमने संविधान में संशोधन किया है ताकि आपातकाल इतनी आसानी से नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने आगे पूछा कि 50 साल बाद आपातकाल के अधिकारों और गलतियों पर बहस करने का क्या मतलब है, जबकि इस बात पर जोर दिया कि ‘अतीत से सबक सीखा गया है’। उन्होंने कहा, “50 साल बाद आपातकाल के सही और गलत पर बहस करने का क्या मतलब है? भाजपा को अतीत को भूल जाना चाहिए। हमने अतीत से सबक सीखा है।”इस महीने की शुरुआत में, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आपातकाल की सालगिरह को चिह्नित करने के लिए ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने की घोषणा की थी। इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है और विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि पिछले 10 वर्षों में आपकी सरकार ने हर दिन “संविधान हत्या दिवस” मनाया है। आपने देश के हर गरीब और वंचित वर्ग का स्वाभिमान हर पल छीना है।