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लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव ‘‘जीवंत और फलते-फूलते’’ लोकतंत्र का उदाहरण : Om Birla

कोटा। ओम बिरला ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए हुए दुर्लभ चुनाव को एक ‘‘जीवंत और फलते-फूलते लोकतंत्र’’ का उदाहरण बताते हुए कहा है कि सहमति और असहमति इसका हिस्सा हैं। बिरला ने अध्यक्ष पद के लिए विपक्षी उम्मीदवार के. सुरेश के खिलाफ ध्वनिमत से जीत हासिल की थी। विपक्ष ने भाजपा के बिरला के खिलाफ कांग्रेस के सुरेश को नामित करके चुनाव कराने पर जोर दिया था, हालांकि उसने मत विभाजन के लिए दबाव नहीं डाला था। बिरला ने एक साक्षात्कार में नयी सरकार के गठन के बाद इसके पहले सत्र के दौरान लोकसभा में हुए व्यवधान को अनुचित बताया और कहा कि संसद में तथा सड़कों पर होने वाली बहसों में अंतर होना चाहिए। कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह और आतंकी वित्तपोषण मामले में आरोपी इंजीनियर रशीद के जेल में रहते हुए क्रमश: पंजाब के खडूर साहिब और जम्मू-कश्मीर के बारामूला से निर्दलीय के रूप में सदन के लिए चुने जाने पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि दोनों सदस्यों को जनता ने चुना है। बिरला ने राजस्थान में अपने संसदीय क्षेत्र कोटा के दौरे के दौरान ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘उन्हें (सिंह और रशीद) जनता द्वारा चुना गया है और (लोकसभा के) प्रक्रिया नियमों तथा न्यायालयों के आदेश के अनुसार शपथ दिलाई गई है।’’ लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए हुए दुर्लभ चुनाव के बारे में पूछे जाने पर बिरला ने कहा कि यह ‘‘जीवंत और फलते-फूलते लोकतंत्र’’ का उदाहरण है। इस पद के लिए पिछला चुनाव 1976 में हुआ था। अठारहवीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से तीन जुलाई तक चला था। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो घंटे से अधिक समय तक चले जवाब के दौरान विपक्षी सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर शोर-शराबा किया था और नारे लगाए थे। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल दलों ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) प्रश्नपत्र लीक विवाद और मणिपुर की स्थिति समेत अन्य मुद्दों को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पर निशाना साधा था। राज्यसभा और लोकसभा दोनों में कई बार कार्यवाही स्थगित हुई थी। बिरला ने कहा, ‘‘सहमति और असहमति लोकतंत्र का हिस्सा हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विविध विचार हैं। ये होने चाहिए। विचारों की विविधता के कारण जो मंथन होता है, उससे सरकार को भी रचनात्मक तरीके से मदद मिलती है। सरकार को भी सभी के विचार पता चलते हैं। जितने ज्यादा विचार होंगे, उतना अच्छा होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन एक बात स्पष्ट है कि देश के लोग संसद में होने वाली चर्चा और सड़कों पर होने वाली बहसों में कुछ अंतर की अपेक्षा रखते हैं।’’ बिरला 25 वर्ष में लगातार दूसरी बार लोकसभा सदस्य चुने जाने वाले पहले अध्यक्ष हैं। कांग्रेस के बलराम जाखड़ ने फिरोजपुर (पंजाब) और सीकर (राजस्थान) से निर्वाचित होकर सदन के पीठासीन अधिकारी के रूप में लगातार दो कार्यकाल पूरे किए थे। बिरला ने कहा कि वह लगातार तीन बार एक ही संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं।