अखिलेश यादव बोले- संविधान को ख़त्म करना चाहती है भाजपा, इसे बचाने का चुनाव है
लोकसभा चुनाव के चल रहे दूसरे चरण के बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी के कन्नौज में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित किया और कहा कि 2024 का चुनाव संविधान को बचाने के लिए है। रैली में बोलते हुए, अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी बड़े व्यापारियों की मदद कर रही है जबकि इंडिया गठबंधन और सपा गरीबों की मदद करेगी। यह चुनाव संविधान को बचाने के लिए भी है। आपने देखा होगा, भाजपा संविधान को ख़त्म करना चाहती है। याद रखें, यदि संविधान ख़त्म हो गया तो हमारा वोट देने का अधिकार भी ख़त्म हो जायेगा। चुनावी सभा में यादव ने कहा कि बड़ी संख्या में नौजवान आए हैं, ये नौजवान जानते हैं इस सरकार में जो भी परीक्षा हुई सबके पेपर लीक हुए। हमने कई सभाओं में कहा जब किसान आपके खिलाफ है और नौजवान खिलाफ हैं तो यह कहां से जीतेंगे? उन्होंने कहा कि ये सपने दिखा रहे हैं बीजेपी के लोग कि हमारा देश विश्वगुरू बनने जा रहा है, अगर हमारे प्रधानों ने सहयोग न किया होत तो ये विकसित यात्रा भी ना निकाल पाते। ये नौजवान हैं जिन्हें फौज की नौकरी मिल सकती थी, लेकिन अग्निवीर की व्यवस्था कर दी 4 साल की नौकरी, न पेंशन न पक्की नौकरी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जीतने भी भ्रष्टाचारी हैं, अपराधी, माफिया हैं सबको भारतीय जनता पार्टी ने अपनी गोदाम में रख लिया है। गोदाम इतनी बड़ी बना ली कि उसमें सब पार्टी के लोगों को शामिल कर लिया। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रोरल बॉन्ड ने बीजेपी की बैंड बजा दी है। ये जो भारतीय जनता पार्टी ने वसूली की है उसका परिणाम है कि आम जनता को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग बड़े- बड़े सपने दिखाते थे, जो लोग कहते थे कि चप्पल वाले हवाई जहाज से चलेंगे, बताओ सब कारखाने बिक गए कि नहीं बिक गए सरकारी? अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी की सरकार में बड़े बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ हुआ है। भारतीय जनता पार्टी ने 16 लाख करोड़ रुपए बड़े बड़े उद्योगपतियों के माफ किए हैं। इसलिए हमने तय किया जब हमारी सरकार आएगी गरीब किसानों का पूरा का पूरा कर्ज माफ होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग हमारे आपके PDA परिवार से घबरा गए हैं, ये PDA परिवार NDA को हराने जा रहा है। अखिलेश ने कहा कि यह लड़ाई बहुत लंबी है, वीवीपैट को लेकर के, ईवीएम को लेकर के और बैलेट पेपर को लेकर के। माननीय सुप्रीमकोर्ट का जो भी फैसला है सब स्वीकार करेंगे लेकिन लड़ाई रूकेगी नहीं लड़ाई लगातार चलेगी।