राष्ट्रीय

दिशाहीन, जनविरोधी, कोई विजन नहीं, सिर्फ राजनीतिक मिशन है’, मोदी सरकार के बजट पर भड़कीं ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024-25 को “राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण और गरीब विरोधी” करार दिया और राज्य को “वंचित” करने के लिए केंद्र की आलोचना की। मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताया कि पश्चिम बंगाल ने क्या गलती की है कि उसे केंद्र द्वारा “वंचित” किया गया है। बजट को लेकर ममता ने एक बयान में कहा कि यह दिशाहीन, जनविरोधी, कोई विजन नहीं, सिर्फ राजनीतिक मिशन है। मुझे कोई रोशनी नहीं दिखती, अंधेरा है। ममता ने कहा कि वे चुनाव के दौरान बड़े-बड़े दावे और वादे करते हैं। लेकिन वोट मिलने के बाद वे दार्जिलिंग, कलिम्पोंग को भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग की पहाड़ियों के लोगों को यह याद रखना चाहिए। सिक्किम को चीजें मिलने दीजिए, हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन दार्जिलिंग को वंचित रखना ठीक नहीं है। यह बजट जनविरोधी है, गरीब विरोधी है और आम लोगों के लिए नहीं है।’ यह एक पार्टी को खुश करने वाला बजट है। यह राजनीतिक पूर्वाग्रहों से भरा बजट है। टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि मैं इसे छेड़छाड़ वाला बजट कहता हूं…प्रमुख समस्याएं – 9.2% पर बेरोजगारी और 5% पर मुद्रास्फीति – का बिल्कुल भी समाधान नहीं किया गया है। राज्यों को उनका उचित हिस्सा नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ आंध्र प्रदेश और बिहार को फायदा हुआ। यह बिल्कुल भी अच्छा बजट नहीं है। उन्होंने बुनियादी ढांचे में सब कुछ निवेश किया है, जिसे आकार लेने में काफी समय लगेगा। इसलिए, यह कोई बुद्धिमानी भरा बजट नहीं है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि पिछले दस सालों में बजट से आम आदमी, किसानों, छात्रों को क्या मिला?…पहले सिर्फ एक राज्य गुजरात के लिए बजट बनता था, अब इसमें दो राज्य और जुड़ गए हैं…पहली बार ,मैंने देखा है कि देश के कल्याण के लिए नहीं बल्कि सरकार बचाने के लिए बजट बनाया गया है।’ विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य भाजपा के सहयोगियों और “क्रोनीज़” को खुश करना है। कांग्रेस नेता ने दस्तावेज़ को “कुर्सी बचाओ” बजट बताया और आरोप लगाया कि यह कांग्रेस पार्टी के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र से नकल किया गया था।