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आतंकवाद पर ‘दोहरे मानदंड’ अपनाने से बचने की जरूरत, सुरक्षा परिषदों के सचिवों की बैठक में बोले अजीत डोभाल

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने बुधवार को कजाखस्तान के अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एनएसए की बैठक में भाग लिया, इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत सदस्य देशों के साथ कई सदियों पुराने संबंधों को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। डोभाल ने कहा कि नई दिल्ली पारगमन व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है जो एससीओ सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का पूरी तरह से सम्मान करना चाहिए। एनएसए ने 22 मार्च को मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल में हुए आतंकी हमले की निंदा की, जिसमें 140 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. उन्होंने अपने रूसी समकक्ष निकोलाई पेत्रुशेव को सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए रूसी संघ की सरकार और लोगों के साथ भारत की एकजुटता से अवगत कराया। सीमा पार आतंकवाद सहित आतंक का कोई भी कृत्य, किसी के भी द्वारा, कहीं भी और किसी भी उद्देश्य से किया गया हो, उचित नहीं है। डोभाल ने बैठक में कहा, आतंकवाद के अपराधियों से प्रभावी ढंग से और शीघ्रता से निपटा जाना चाहिए, जिसमें सीमा पार आतंकवाद में शामिल लोग भी शामिल हैं। उन्होंने ‘दोहरे मानकों’ से बचने और उन लोगों को जवाबदेह ठहराने की जरूरत पर भी जोर दिया जो आतंकवाद के प्रायोजक, वित्तपोषक और मददगार हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने एससीओ क्षेत्र में विभिन्न आतंकवादी समूहों द्वारा जारी खतरे का मुद्दा भी उठाया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा नामित आतंकवादी समूह, अल कायदा और उसके सहयोगी, आईएसआईएस और सहयोगी संगठनों के साथ-साथ पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा भी शामिल हैं। बैठक के दौरान डोभाल ने आतंकवादियों द्वारा सीमा पार से हथियारों और नशीली दवाओं की तस्करी के लिए ड्रोन सहित प्रौद्योगिकी के उपयोग का मुकाबला करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।